Kiran Mishra

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लेखनी कहानी -01-Jul-2023

सितारों से आगे जहाँ और भी है-

सितारों से आगे इक जहाँ और भी है
मुकम्मल हमारी ही दास्ताँ और भी है

खलबली मची ज़ीस्त में आपके यूँ
रफ़्ता-रफ़्ता सही आसमां और भी है

शाने-तिरंगा की कसम खा के कहते
हिन्द जैसा वतन न दूसरा और भी है

आजादी पे कुर्बान है सौ ज़िन्दगानी
भारत माँ के रक्षक कारवां और भी है

हैरां है कई मुल्क देख तरक्की हमारी
आज़ादी के मतवाले यहाँ और भी हैं

विकासों का सूरज पहुँचा गाँव शहर में
ऐसी योजनाओं का खाता और भी है

गूंजेगा हर गली से जय हिंद का नारा
शहीदों को नमन योद्धा और भी हैं॥

किरण मिश्रा #निधि#

आधेअधूरे मिसरे /प्रसिद्ध पंक्तियाँ

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सुन्दर सृजन

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